Friday, February 6, 2009

बस झलक भर तेरा दीदार चाहिए

बस झलक भर तेरा दीदार चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.
अब ख़त से काम नही चलता
मुझे तेरी सांसों के दो तार चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.

वक़्त रुकता नही तू लम्हों में खो जा
चुम्बन में घुली अमृतमय तेरा धार चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.

गीत ग़जल से मन बहलता नही आजकल
धडकनों की नज्म दो-चार चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.

बसंत की फूल कलियाँ रास नही आती
अब तो अदृश्य हुस्न की निखार चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.

जितना चाहूँ तुझे उससे ज्यादा चाहना
प्रिये मोहब्बत की सावनी फुहाड़ चाहिए.
इस प्रेम पुजारी को तेरा प्यार चाहिए.

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aapka bahut-bahut dhanybad