आंसूं जो बह रहें हें, इसे बह जाने दो .
दिल की सदा कह रहें हें इसे कह जाने दो .
कहीं लगे न बोझ जिंदगी
दिल में हे दर्द बर्फ सी जमी
तनहाईओं की चोट से
रूस्बाईओं की चोट से
दर्दे चट्टानें ढह रहे हे ,इसे ढह जाने दो.
ये आंसू के झरने प्रियतम के चमन को सींचता हे
यों दूर जानेवाले सनम को बांहों के समीप खींचता हे
आंसू में बरी तरप हे,आंसू में उसकी झलक हे
वो सितम कर रहे है ,मझे सह जाने दो
आंसू जो बह रहें हें उसे बह जाने दो
दिल की सदा कह रहें हें ,उसे कह जाने दो
दिल की सदा कह रहें हें इसे कह जाने दो .
कहीं लगे न बोझ जिंदगी
दिल में हे दर्द बर्फ सी जमी
तनहाईओं की चोट से
रूस्बाईओं की चोट से
दर्दे चट्टानें ढह रहे हे ,इसे ढह जाने दो.
ये आंसू के झरने प्रियतम के चमन को सींचता हे
यों दूर जानेवाले सनम को बांहों के समीप खींचता हे
आंसू में बरी तरप हे,आंसू में उसकी झलक हे
वो सितम कर रहे है ,मझे सह जाने दो
आंसू जो बह रहें हें उसे बह जाने दो
दिल की सदा कह रहें हें ,उसे कह जाने दो
sunil kumar sonu
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