tag:blogger.com,1999:blog-68415441812714251632024-03-13T10:52:01.605-07:00DIL DOSTI LOVE ZONESUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.comBlogger112125tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-71175833467395239672021-02-17T21:41:00.004-08:002021-02-17T21:42:06.103-08:00Kiraye ka boy friend chahiye<p> किराये का बॉयफ्रेंड चाहिए।</p><p>ओनली वन नाईट स्टैंड चाहिए।।</p><p>माचोमैन वाला ब्रैंड चाहिए।</p><p>सिर्फ़ वन नाईट स्टैंड चाहिए।।</p><p><br /></p><p>मेहनत की फ़ीस हम देंगें।</p><p>डॉलर में बक्शीस हम देंगें।</p><p>लौंडा कड़क एन्ड ट्रेंड चाहिए।।</p><p>किराये का बॉयफ्रेंड चाहिए।</p><p>सिर्फ़ वन नाईट स्टैंड चाहिए।।</p><p><br /></p><p>यूज़ एंड थ्रो से न क्लेश हो।</p><p>मोशन इमोशन में विशेष हो।</p><p>डर्टी डर्टी क्रेज़ी फ़्रेंड चाहिए।</p><p>किराये का बॉयफ्रेंड चाहिए।</p><p>सिर्फ़ वन नाईट स्टैंड चाहिए।।</p><p><br /></p><p>नाईट में ट्वेंटी ट्वेंटी पारी खेले।</p><p>बाईड नो बॉल पे जान हमारी लेले।</p><p> टु मच मौज मस्ती ग्रैंड चाहिए।</p><p>किराये का बॉयफ्रेंड चाहिए।</p><p>सिर्फ़ वन नाईट स्टैंड चाहिए।।</p><p>सुनील कुमार सोनू</p><p>07।02।2021</p><p>8882749435</p>SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-32557123386331299242021-01-24T04:43:00.005-08:002021-01-24T04:43:53.097-08:00दो फाक दिल के नही करते यारSUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-77846186169232603772020-07-20T09:22:00.000-07:002020-07-20T09:22:42.334-07:00Metallurgical poem<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
Metallurgical Poem for Grey and Ductile Cast Iron.<br />
<br />
Higher the Magnese.<br />
Higher the Pearlite.<br />
Higher the Copper.<br />
Higher the Pearlite.<br />
<br />
Higher the Chromium.<br />
Higher the Carbide.<br />
Higher the Chilling.<br />
Higher the Carbide.<br />
Sooner the knock out.<br />
Later the Carbide.<br />
Poor the inoculation.<br />
Richer the Carbide.<br />
<br />
Higher the carbon.<br />
Higher the fluidity.<br />
Higher the carbon.<br />
Lower the strength.<br />
Higher the carbon.<br />
Lower the shrinkage.<br />
Higher the carbon.<br />
Higher graphite floatation.<br />
Higher the carbon.<br />
Higher the nucleii formation.<br />
<br />
<br />
Higher the Silicon.<br />
Higher the Ferrite.<br />
Lower the Magnese.<br />
Higher the Ferrite.<br />
<br />
Higher the phosphorus.<br />
Higher the Steadite.<br />
Smaller the thickness.<br />
Greater the Cementite.<br />
<br />
Higher the Tin.<br />
Higher the pearlite stability<br />
Higher the Tin.<br />
Poor the machinability.<br />
<br />
Higher the sulphur.<br />
Higher the dross.<br />
Higher the sulphur.<br />
Higher the brittleness.<br />
Higher the sulphur.<br />
Higher the crack propagation.<br />
Higher the sulphur.<br />
Higher the Mn/Mg consumption.<br />
<br />
Lower the Magnesium.<br />
Poor the microstructure.<br />
Higher the Magnesium.<br />
Higher the MgS dross.<br />
Higher the Magnesium.<br />
Higher the carbides.<br />
Higher the Magnesium.<br />
Higher the Micro-Sinks.<br />
<br />
Higher the pouring temperature.<br />
Higher the shrinkage chance.<br />
Lower the pouring temperature.<br />
Higher the unfeeling/cold joints.<br />
<br />
Better the Innoculation.<br />
Better the Property.<br />
Better the Mg-Treatment.<br />
Better the Nodularity.<br />
<br />
Sunil kumar sonu<br />
NIFFT RANCHI<br />
36TH ADFT<br />
YEAR 2008-2010.</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-19772870002799666602020-05-31T01:53:00.000-07:002020-05-31T01:53:28.325-07:00ई कुर्सी केकरो बपौती नईखे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
हुनर राज करिहै लठैती नईखे।<br />
ई कुर्सी केकरो बपौती नईखे।1//<br />
<br />
सियासी जंग बिया तो सम्हर के,<br />
ओकरे साथ देई ई गछौती नईखे।2//<br />
<br />
इश्क बानी आ पुरजोर बानी मगर,<br />
हुस्न से मांगनी कबो फिरौती नईखे।3//<br />
<br />
तोहर दिल चुरा लेई हक बा हमर,<br />
एकरा चोरी कहेला डकैती नईखे।4//<br />
<br />
उ भौजी अक्सर गीली भात खावेली,<br />
सुनले बिया उनके घर मे कठौती नईखे।5//<br />
<br />
पलायन एक बहुते जटिल समस्या बाटे,<br />
सांसद कहेला ई कौनो चुनौती नईखे।6//<br />
<br />
सुनील कुमार सोनू<br />
लखीसराय, बिहार<br />
30।05।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-60859887617415239722020-05-31T01:50:00.000-07:002020-05-31T01:50:07.898-07:00सावन भादो है सखी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
बेरी बेरी आवेला धियानवा<br />
कब अइहें मोर सजनवा<br />
नयनवा सावन भादो हे।<br />
सावन भादो हे सखी<br />
सावन भादो हे।<br />
उनका बिना कटे नही दिनमा<br />
कब अइहें मोर सजनमा<br />
नयनवा सावन भादो हे।<br />
<br />
गऊंआ जवार में बियाहवा जब होवे।<br />
नेहिया के मातल पलंगिया टिटोवे।<br />
याद आवेला टूटल चूड़ी कंगनवा<br />
कब अइहें मोर सजनवा<br />
नयनमा सावन भादो हे।<br />
सावन भादो है सखी<br />
सावन भादो हे।<br />
<br />
सरसों फुलाइल,महक गइले जूही।<br />
अचरा के कोर से,सरक गइले दुही।<br />
नहीं थमे उमड़ल यौवनवा (जोवनवा)<br />
कब अइहें मोर सजनवा<br />
नयनवा सावन भादो हे।<br />
सावन भादो है साखी<br />
सावन भादो हे।<br />
<br />
कोयल पपीहरा के बोलियो न भावे।<br />
रूप सिंगार के अठखेलियों न सुहावे।<br />
सुना सुना लगे अंगनवा<br />
कब अइहें मोर सजनवा<br />
नयनवा सावन भादो हे।<br />
सावन भादो हे सखी<br />
सावन भादो हे।<br />
<br />
संग नही छोटी ननदी, नही छोटका देवरवा<br />
केकरा से बात कही, केकरा पे झाड़ी तेवरवा<br />
नही बाटे एको गो ललनवा<br />
कब अइहें मोर सजनवा<br />
नयनवा सावन भादो हे।<br />
सावन भादो है सखी<br />
सावन भादो हे।<br />
:सुनील कुमार सोनू<br />
06।05।2020<br />
समय:रात्रि 8:30-9:05PM</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-59638479399856503122020-05-30T09:33:00.000-07:002020-05-30T09:33:13.630-07:00कुर्सी किसी की बपौती नही<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
हुनर राज करेगा लठैती नही।<br />
कुर्सी किसी की बपौती नही।1//<br />
<br />
सियासी जंग है तो संभल जा,<br />
उसका साथ दूँ ये गछौती नही।2//<br />
<br />
इश्क किया है बेइंतहा किया है,<br />
हुस्न से मांगी कभी फ़िरौती नही।3//<br />
<br />
मैं तेरा दिल चुरा लूँ हक है मेरा,<br />
इसे चोरी तो समझो डकैती नही।4//<br />
<br />
वो अक्सर गीली भात खाता है,<br />
सुना है उसके घर मे कठौती नही।5//<br />
<br />
पलायन एक बहुत बड़ी समस्या है,<br />
तुम कहते हो ये कोई चुनौती नही।6//<br />
सुनील कुमार सोनू<br />
28।05</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-60970309651366260582020-05-11T09:57:00.000-07:002020-05-11T09:57:33.198-07:00ऐसा लगा कि मिल गयी मुझको रेखा है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
घूँघट हटा के जब मैंने उसको देखा है।<br />
ऐसा लगा कि मिल गयी मुझको रेखा है।<br />
नयन कजरारे मिले ,हुस्न अंगारे मिले,<br />
ऐसा लगा कि हूर परी की रूपरेखा है।<br />
<br />
माथे की बिंदिया जैसे जगमग ध्रुवतारा हो।<br />
जुल्फों की बदलियां जैसे रात आवारा हो।<br />
चाँद भी उतर आया मेरे सनम के दर्शन को,<br />
स्वर्ग की रश्मियां जैसे भूमि पे उतारा हो।<br />
पूर्व जन्म का फल है या भोलेनाथ की कृपा,<br />
जैसा मन में सोचा वैसा ही वो झरोखा है।<br />
घूँघट हटा के जब मैंने उसको देखा है।<br />
ऐसा लगा कि मिल गयी मुझको रेखा है।<br />
<br />
दूधिया रंग बदन के और इनसे चांदनी छूटे।<br />
कामिनी के आगोश में आके कई लावा फूटे।<br />
तृप्ति ऐसा की फिर कुछ पाने की आस नही।<br />
संतुष्टि ऐसा की इसके आगे कुछ झकास नही।<br />
यौवन की मलिका सावन की सलीका है,<br />
बसंत की रहनुमा कुदरत की वो लेखा है<br />
घूँघट हटा के जब मैंने उसको देखा है।<br />
ऐसा लगा कि मिल गयी मुझको रेखा है।<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
11।05।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-43594978741013452762020-05-10T01:47:00.000-07:002020-05-10T01:47:17.119-07:00माँ तो माँ होती है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
#माँ_तो_माँ_होती_है।<br />
*****************<br />
माँ तो माँ होती है।<br />
तेरे जैसा कोई कहाँ होती है।<br />
विष्णु भी तेरे कोख से जन्मे,<br />
देवकी यशोदा जहाँ होती है।<br />
<br />
सृष्टि का लालन पालन करने वाले,<br />
तेरे गोद मे पलने को तरसे।<br />
चाँद सुरुज की महिमा गाने वाले,<br />
तेरी लोड़ी सुनने को तरसे।<br />
वात्सल्य प्रेम के मोह न छूटे,<br />
कौशल्या कैकयी जहाँ होती है।<br />
<br />
नेह स्नेह की परिभाषा तुमसे,<br />
सारी जगत की आशा तुमसे,<br />
तुम हो तो ये सकल संसार है।<br />
तेरे बिना कल्पना भी बेकार है।<br />
तेरे आँचल का दूध पीये बिना,<br />
कहाँ कोई संतति जवां होती है।।<br />
<br />
मृत्यु भी फुट फुट के रोता है,<br />
माँ को जब काल हर लेता है।<br />
याद करके वो अपना बचपन,<br />
माँ की श्रीचरण धर लेता है।<br />
माँ ही जाने माँ के मर्म,<br />
थाह किसे ये गहरी कुआँ होती है।<br />
©सुनील कुमार सोनू"दिव्य"<br />
#लखीसराय, #बिहार<br />
10/05/2020<br />
#सुनील_कुमार_सोनू</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-46301452387533928402020-04-28T00:43:00.004-07:002020-04-28T00:43:35.340-07:00अब तो चींटी भी नमक खाने लगे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
भूख इस तरह से खूब सताने लगे।<br />
अब तो चीटी भी नमक खाने लगे।1//<br />
<br />
कभी दूध घी में डूबा था पापी पेट,<br />
अब तो छाछ पे भी आफत आने लगे।2//<br />
<br />
वो घर जो विरासत में मिली मुझको,<br />
सियासत अपना हुनर आजमाने लगे।3//<br />
<br />
चिड़िया कब रुका है एक घोंसले में,<br />
उसकी बेबफाई ने भरम फैलाने लगे।4//<br />
<br />
दूरियाँ ठीक नही जब दिल राजी हो,<br />
वो जिस्म में रूह तक समाने लगे।5//<br />
<br />
कर्ज मोहब्बत का चुका न पाऊंगा,सोनू<br />
उसकी यादें चक्रवृद्धि ब्याज लगाने लगे।6//<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
26।04।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-37208906513296101892020-04-28T00:11:00.000-07:002020-04-28T00:11:30.245-07:00वो दौर भी आएगा जब नाज करोगे तुम<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
वो दौर भी आएगा जब नाज़ करोगे तुम।<br />
भीड़ में जोर से जब आवाज करोगे तुम।1//<br />
<br />
फ़क़ीरी का मतलब, नही की बेशोहरत हूँ,<br />
घर मे है बेशुमार दौलत,राज करोगे तुम।2//<br />
<br />
अपनी शर्तों पे मुहब्बत कर ऐ आशिक,<br />
तभी इश्क़ में एक नया रिवाज बुनोगे तुम।3//<br />
<br />
अँधेरा का काम है ,दबे पाँव चुपके से आना,<br />
दीप जला के सबेरे का,आगाज करोगे तुम।4//<br />
<br />
हुस्न को घमंड हो अगर,अपनी खूबसूरती पे,<br />
दो दिनों के बाद भला किसपे गाज गिरोगे तुम।5//<br />
<br />
दिल की दस्तक पे आई हो, सुस्वागतम है प्रिये,<br />
इतना बता दो कबतक मेरा लिहाज करोगे तुम।6//<br />
"©सुनील कुमार सोनू,लखीसराय बिहार<br />
26।04।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-77055137239858726562020-04-28T00:08:00.000-07:002020-04-28T00:08:30.604-07:00रे सुथरकी रे बन जो ने धनिया हमार<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
गीत:<br />
मापनी:24/28<br />
चेल्हा मछरिया नियन, चमको तोरो लिलार।24<br />
अरे सुथरकी रे,बन जो ने धनियां हमार।24<br />
नथिया बेसर झुमका , सभे देबो उपहार,24<br />
अरे सुथरकी रे,बन जो ने धनियां हमार।24<br />
<br />
आँखों में कजरिया शोभे,बालों में गजरिया रे।28<br />
हांथो में महुदिया शोभे,पाँवो में पयलिया रे ।28<br />
फूलल सरसो नियन ,देहिया भेलो बहार।24<br />
अरे सुथरकी रे,बन जो ने धनियां हमार।24<br />
<br />
मलदहिया अमवा के रस में,जौन मिली माजा हो।28<br />
स्नेहिया के कोरवा में ,उहे फल मिली ताज़ा हो।28<br />
प्रेम में पागल नियन,अचरा खोजो तहार।24<br />
अरे सुथरकी रे,बन जो ने धनियां हमार।24<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
20।04।2020<br />
रात्रि:2:40-3:30</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-50454291123056455402020-04-28T00:06:00.003-07:002020-04-28T00:06:43.778-07:00ओकर अँखियाँ जे कमल लागेला<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
ओकर आँखियाँ जे कमल लागेला।<br />
हम जे लिखनी उहे ग़ज़ल लागेला।<br />
<br />
भौरा चिपकले रही काल्हु रातें में,<br />
जेहे से तितली जादे चंचल लागेला।<br />
<br />
छू के देखनी हम अजु ओकरा के,<br />
नरम मोलायम जैसे मलमल लागेला।<br />
<br />
ओकर ओझरल केशिया संवारत रही,<br />
खबर नइखे कब सोम मंगल भागेला।<br />
<br />
वोही रे जगहिया पे भटक गईनी हम तो,<br />
उनखर याद बहुते घना जंगल लागेला।<br />
<br />
मस्त मीठी हवे मलदहिया आम नियन,<br />
ओकरे प्रीतिया से हमर जिन्गी हलचल लागेला।<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
लखीसराय, बिहार</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-4608015751069464452020-04-27T23:53:00.000-07:002020-04-27T23:53:18.349-07:00बिटिया बिना घरवा सुना लागै हो<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
सुना लागै मीता, सुना लागै हो।<br />
बिटिया बिना घरवा सुना लागै हो।।<br />
सुना लागै दादा, सुना लागै हो।<br />
बहना बिना घरवा,सुना लागै हो।।<br />
<br />
अब नही चिहुके अंगना चिडैंईयाँ।<br />
अब नही किहुके सुगना लड़कईंयां।<br />
ओकरे बोलिया सलोना लागै हो।।<br />
बिटिया बिना घरवा सुना लागै हो।।<br />
<br />
तनी तनी बात के ,खियाल उ रखेली।<br />
कुल पर्व त्योहार के,संभाल उ करेली।<br />
बटुआ बिना हम त ,बौना लागै हो।।<br />
बिटिया बिना घरवा सुना लागै हो।।<br />
<br />
नेहिया दुलार के,खिलौना सब छूटल।<br />
पुरवैया बयार के ,पौना सब रुठल।<br />
ओकरा होला से शादी गौना लागै हो।<br />
बिटिया बिना घरवा सुना लागै हो।।<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
27।04।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-46342384461194287632020-04-27T23:50:00.000-07:002020-04-27T23:50:21.103-07:00कोरोना भेलो कसाय गे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
अब की करियो माय गे<br />
कोरोना भेलो कसाय गे।<br />
देखे में छौ आयरस भायरस,<br />
सबके देलो डराय गे।<br />
<br />
चीनी प्रदेश से उड़ के अईलौ,<br />
देश विदेश में तबाही मचैलौ,<br />
देख के इटली अमेरिका की हालत,<br />
देहिया गैलो थरथराय गे।<br />
अब की करियो माय गे<br />
कोरोना भेलो कसाय गे।<br />
देखे में छौ आयरस भायरस,<br />
सबके देलो डराय गे।<br />
<br />
गउंआ समाज मे फैलो बेमारी,<br />
बंद करैलको नइहर ससुरारी,<br />
लोकडॉउन में सब फसल बिया,<br />
डॉक्टर के बुद्धि गैलो ओराय गे।<br />
अब की करियो माय गे<br />
कोरोना भेलो कसाय गे।<br />
देखे में छौ आयरस भायरस,<br />
सबके देलो डराय गे।<br />
<br />
मोदी जी के भाषण सुनिहा,<br />
घर मे सब सावधान रहिहा,<br />
सोसल डिस्टनसिंग के विधि से,<br />
कोरोना के देवै हराय गे।<br />
अब की करियो माय गे<br />
कोरोना भेलो कसाय गे।<br />
देखे में छौ आयरस भायरस,<br />
सबके देलो डराय गे।<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
12।04।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-82514796930821741372020-04-27T23:49:00.001-07:002020-04-27T23:49:12.721-07:00पीहू पीहू बोले रे पपीहरा<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
देहाती झूमर/कजरी/लोकगीत/<br />
<br />
सावन के महिनवा रे सखिया।<br />
मनवा मारे रे हिलोर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।1//<br />
<br />
रिमझिम बरसे पनिया रे सखिया।<br />
पियवा खोजे चितचोर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।2//<br />
<br />
फरफर उड़े ओढ़निया रे सखिया।<br />
जियरा धड़के जोरजोर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।3//<br />
<br />
बाबा के पोखरिया रे सखिया।<br />
नहावे गइले भोरेभोर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।4//<br />
<br />
सरसों फुलल देहिया रे सखिया<br />
महकल चारो ओर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।5//<br />
<br />
एहि बरस लगनिया रे सखिया<br />
हरदी लगो पोर पोर।<br />
पीहू पीहू बोले रे पपीहरा ,<br />
थिरके मनवा के मोर।6//<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
25/04/2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-87393876799328675222020-04-25T03:08:00.000-07:002020-04-25T03:08:10.564-07:00मित्र तुझे भी याद है ना!<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
शीर्षक:मित्र तुझे भी याद हैं ना!<br />
दिनांक13/04/2020<br />
विधा:नवगीत<br />
मापनी:16/16<br />
<br />
बचपन के दिन वो सुहाना ।16<br />
नदी नाले में वो नहाना।16<br />
नीम आम की डाली पे,16<br />
लुका-छिपी का खेल रचाना।16<br />
<br />
*******************<br />
मित्र तुझे भी याद है ना।16।।<br />
******************<br />
अहरा के ऊंचे टीले पे,16<br />
ओरहा बहुत खाते थे।16<br />
अड़ोसी पड़ोसी खेतों से,16<br />
गन्ने भुट्टा बहुत चुराते थे।16<br />
गांव से दूर चबूतरे पे ,16<br />
सांझ को खूब गप्पे लड़ाना।16<br />
***********************<br />
मित्र तुझे भी याद हैं ना!<br />
***********************<br />
काँच की रंगीली गोलियां,16<br />
माटी की शर्मीली चुकड़ियां,16<br />
अंडी चुनना,बैर तोड़ना,16<br />
डोभर मे उड़ाना तितलियां।16<br />
गुल्ली डंडा लट्टू औ पतंग,16<br />
खेल-खेल में मार मचाना।16<br />
***********************<br />
मित्र तुझे भी याद हैं ना!<br />
**********************<br />
पाठशाला के दिनों में तो,16<br />
ढेरों बहाने बनाते थे।16<br />
मृत दादी नानी दादा को,16<br />
बहुधा बार मार आते थे।16<br />
ताड़ और घास के पत्ते से,16<br />
आठ आने का पान खाना।16<br />
***********************<br />
मित्र तुझे भी याद हैं ना!16<br />
************************<br />
समय बीते ,बीते सब काल ,16<br />
उम्र ने दागे कई सवाल।16<br />
रोजी रोटी के चक्कर मे,16<br />
जीवन निर्झर हुई बेहाल ।16<br />
यूँ कश्ती भी भूल गई है,16<br />
कागज वाली आज ठिकाना।16<br />
©सुनील कुमार सोनू</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-71643027863500398802020-04-24T11:24:00.000-07:002020-04-24T11:24:25.812-07:00दिनकर वह सूरज है, जो कभी अस्त नही होता है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की आज पुण्य तिथि पर एक कोशिश उनको काव्य रचित श्रद्धांजलि देने की।<br />
<br />
दिनकर वह सूरज है,जो कभी अस्त नही होता है।<br />
लाख घना अँधेरा हो,वो कभी पस्त नही होता है।<br />
संघर्ष करता हुआ हर आदमी के संग है वो,<br />
उसकी ओजस्वी कविता,कभी ध्वस्त नही होता है।<br />
<br />
सिमरिया बेगूसराय बिहार का लाल है वो।<br />
नवयुग परिवर्तन का जलता मशाल है वो।<br />
ऊर्जा साहस देश प्रेम का मिशाल है वो।<br />
रश्मिरथी रचने वाले हृदय विशाल है वो।<br />
उनकी अक्षय काव्यरचनाओं में ढूंढो तो,<br />
जोश जुनून उम्मीद का अभावग्रस्त नही होता है।<br />
दिनकर वह सूरज है,जो कभी अस्त नही होता है।<br />
<br />
संसद मंत्री को चुनौती देते हमने देखा है।<br />
बंजर दिल पे डक़ैती करते हमने देखा है।<br />
सन्नाटा को चीरते वो आवाज सुनाई देता है।<br />
शब्द शब्द में मुस्काते तस्वीर दिखाई देता है।<br />
ग़रीबी बेरोजगारी लाचारी के खिलाफ बुलंद स्वर,<br />
राजनीतिक प्रभाव से वो अस्तव्यस्त नही होता है।<br />
दिनकर वह सूरज है,जो कभी अस्त नही होता है।<br />
<br />
कुरुक्षेत्र रश्मिरथी में योद्धाओं के मान बढ़ाते है।<br />
महाभारत की मनोरम गाथा किश्तों में समझाते है।<br />
कर्ण अर्जून भीम दुर्योधन याकि द्रौपदी दुश्शासन,<br />
भीष्म कृष्ण और गुरुजनों के संग न्याय कर जाते है।<br />
अलौकिक कथा भगवान की लीला के वर्णन में,<br />
वीर अभिमन्यु शकुनी मामा भी त्रस्त नही होता है।<br />
दिनकर वह सूरज है,जो कभी अस्त नही होता है।<br />
<br />
रेणुका, हुंकार, उर्वशी कितने है रचना इनकी।<br />
धूप और धुँआ, परशुराम की प्रतीक्षा इनकी।<br />
समर शेष है,सिंघासन खाली करो,कृति इनकी।<br />
"कलम आज उनकी जय बोल"स्मृति इनकी।<br />
"जीना हो तो मरने से नही डरो रे"पढ़के बोलो,<br />
सैकड़ों कवि है जगत में,तुम-सा मस्त नही होता है।<br />
दिनकर वह सूरज है,जो कभी अस्त नही होता है।<br />
©सुनील कुमार सोनू"दिव्य"<br />
24/04/2020<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
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<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhmpEEJQaV4VXwoLGocPQm120LH8TOa4-F6DlAvW66_23PA9PPPT8z1Bu61TCDKHv_kwhGN1KCJ5WYc5CtTRJklIiN2rfUFMx-7XkD5yaf7aFKv3-VlinF7uSm4bXQOIVkK2LUn5u9bJzaG/s1600/IMG-20200424-WA0054.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="437" data-original-width="337" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhmpEEJQaV4VXwoLGocPQm120LH8TOa4-F6DlAvW66_23PA9PPPT8z1Bu61TCDKHv_kwhGN1KCJ5WYc5CtTRJklIiN2rfUFMx-7XkD5yaf7aFKv3-VlinF7uSm4bXQOIVkK2LUn5u9bJzaG/s320/IMG-20200424-WA0054.jpg" width="246" /></a></div>
</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-65083636846643273802020-04-23T00:07:00.001-07:002020-04-23T00:20:25.108-07:00साधु रे अब तो तलवार उठाओ<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
परशुराम को ललकार जगाओ।<br />
अपना अस्मत आप बचाओ,<br />
प्रशासन से मत गुहार लगाओ।<br />
<br />
कौन सुनेगा पंडितों की वाणी।<br />
दबे कुचले पीड़ितों की कहानी।<br />
जनता जनार्दन का कटा अँगूठा,<br />
मूक बधिर सी इनकी जुबानी।<br />
त्यज जनेऊ माला पोथी पत्रा,<br />
शंख फूको रन हुंकार लगाओ।<br />
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
<br />
शास्त्र की शिक्षा बेकार गयी,<br />
अब शस्त्र की दीक्षा भेंट कर।<br />
लँगोटी कसो,चुटिया कटाओ,<br />
लड़ने को एड़ी चोटी एक कर।<br />
अनुलोम विलोम की भाषा बदलो,<br />
सिंहासन मुद्रा में दहाड़ लगाओ।<br />
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
<br />
विनय विनीत को कायर समझे,<br />
ठेठ ठठेरा मुच्छर बलशाली है।<br />
जोगी गेरुआ को शायर समझे,<br />
कहाँ इनमे रक्तरंजित भुजाली है।<br />
अग्नि को पियो,वर्षा को सोखो,<br />
गली गली में हाहाकार मचाओ।<br />
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
<br />
शांति कब मिली समझौतों से,<br />
क्यों बात करने इन भूतों से,<br />
राम बलराम कर चुके सन्धि,<br />
परिणाम क्या हुआ शांतिदूतों से,<br />
योगी क्रांति की मिसाल जले,<br />
भगवा पगड़ी फुफकार लगाओ।<br />
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
<br />
राष्ट्र चेतना के सुर संगम में,<br />
जब ब्रह्मांड ओमकार से गूंजेगा।<br />
जड़ चेतन खग खगोल विहंगम से,<br />
तब अखण्ड नमोकार में गूंजेगा।<br />
हर हर महादेव,जय जय भवानी,<br />
एक स्वर में जयकार लगाओ।<br />
साधु रे अब तो तलवार उठाओ।<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
23।04।2020<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhUrzHJgHXoXhjD-BMxZJ7tKZuEvco3JWInhlK9jf0_HgKDMalwYrinNuUH_XAzcgoFey8iU6PLL3AngxUbAWNFjYkXL53VXgSjVknoGo3XdmJN9oAfz_MKwUd-SEqkFJXArLIIa8cVX02j/s1600/Screenshot_2020_0423_124131.png" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="807" data-original-width="1079" height="149" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhUrzHJgHXoXhjD-BMxZJ7tKZuEvco3JWInhlK9jf0_HgKDMalwYrinNuUH_XAzcgoFey8iU6PLL3AngxUbAWNFjYkXL53VXgSjVknoGo3XdmJN9oAfz_MKwUd-SEqkFJXArLIIa8cVX02j/s200/Screenshot_2020_0423_124131.png" width="200" /></a></div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhkJo4gdYJ6zCSe8dN3yoDHYndOm7VMckEMNFdwz0cgaCOLNXnkqeTmJr-ZcIKG9WgUiUcP4Cy4S61wJBGrcA_0XhC97j2timyoY7CRnHfzEGEyLlpuh3XqHDxQsQ-6t2EL52Ucbk5SonIh/s1600/Screenshot_2020_0423_124220.png" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="681" data-original-width="555" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhkJo4gdYJ6zCSe8dN3yoDHYndOm7VMckEMNFdwz0cgaCOLNXnkqeTmJr-ZcIKG9WgUiUcP4Cy4S61wJBGrcA_0XhC97j2timyoY7CRnHfzEGEyLlpuh3XqHDxQsQ-6t2EL52Ucbk5SonIh/s320/Screenshot_2020_0423_124220.png" width="260" /></a></div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
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<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
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</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-17238694510809976562020-04-17T09:44:00.003-07:002020-04-17T09:44:54.755-07:00हाय! रोटी सूंघ के जिंदा हूँ मैं।<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
हाय!रोटी सूंघ के जिंदा हूँ मैं ।<br />
हाँ! यही सोच के शर्मिंदा हूँ मैं।<br />
<br />
कुकुर खाये मांस मछरी,<br />
बिल्ली पिये दूध मलाई।<br />
तोता खाये हरियर मिरची,<br />
घोड़ा खाये चना दलाई।<br />
निर्लज क्रूर नियति के मारे,<br />
भूखे पेट चुनिंदा हूँ मैं।<br />
<br />
कोई आलीशान महल में सोवे।<br />
कोई माई के फटल अचरा में रोवे।<br />
हड्डी देह में नही तनिको खून पानी,<br />
कोई चिपक के दुधमुंहा चुचुक टटोवे।<br />
देख ले देश जगत के रत्नों,<br />
चलता फिरता मुर्दा हूँ मैं।<br />
<br />
सोने की चिड़िया कह ले,<br />
अरे सौ दंभ और तू भर ले।<br />
मंदिर मस्जिद गिरजाघर में,<br />
ढोंग पाखंड और तू कर ले।<br />
मेरे मिट्टी छीन के फूल उगाए,<br />
और कहे धूल गर्दा हूँ मैं।<br />
<br />
हाय लगेगी हम गरीबों की,<br />
कब तक कोशूं नसीबों की।<br />
वोट बैंक की तुष्टिकरण में,<br />
जीत न होती हम रक़ीबों की।<br />
थूक दिया पान समझ के,<br />
क्या कत्था सुपारी जर्दा हूँ मैं।<br />
स्वरचित एवं मौलिक रचना<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
17।04।2020<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKOjV_QxYDWp9raNnvVjgTweWk2v_ln0h77We3-dWfS8AT_tfDAhzzdjYRmhcdAYKUBc4magHr8F7bEc66GchoiWVlB2NtQbb66pHuG2L82y-IZKyfYlqLaIELrLGflPIy0BDNXywFrdbb/s1600/IMG-20200417-WA0034.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1201" data-original-width="998" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKOjV_QxYDWp9raNnvVjgTweWk2v_ln0h77We3-dWfS8AT_tfDAhzzdjYRmhcdAYKUBc4magHr8F7bEc66GchoiWVlB2NtQbb66pHuG2L82y-IZKyfYlqLaIELrLGflPIy0BDNXywFrdbb/s320/IMG-20200417-WA0034.jpg" width="265" /></a></div>
<div>
<br /></div>
</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-3644907618864977712020-04-16T10:17:00.000-07:002020-04-16T10:17:04.859-07:00समय से किसकी दोस्ती यारी है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div>
Gajal of Mango Man(आम आदमी का ग़ज़ल)</div>
<div>
<br /></div>
<div>
समय से किसकी दोस्ती यारी है।</div>
<div>
आज इसकी तो कल उसकी बारी है।1//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
जीवन मृत्यु दोनों एक चौखट पे,</div>
<div>
युगों से आने-जाने की तैयारी है।2//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
उसके अदालत में बेईमानी नही,</div>
<div>
चाहे राजा हो या कि भिखारी है।3//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
मानव दानव या स्वयं माधव हो,</div>
<div>
वक़्त के आगे हर शै हारी है।4//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
कर्म धर्म ही विश्व प्रधान है,</div>
<div>
निज हुनर ही पूजा पुजारी है।5//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
परिवर्तन ही संसार का नियम,</div>
<div>
यही सूचना जनहितकारी है।6//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
शीश हमेशा कटा है घमंड का,</div>
<div>
समय ही द्विधारी तलवारी है।7//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
जो होता सब प्रभु की लीला,</div>
<div>
काल ही तो कलमधारी है।8//</div>
<div>
<br /></div>
<div>
जिंदगी की मोल चूका दे सोनू,</div>
<div>
बाकी चंद सांसे ही तो उधारी है।9//</div>
<div>
©सुनील कुमार सोनू</div>
<div>
16।04।2020</div>
</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-64885598087895971922020-04-15T07:22:00.001-07:002020-04-15T07:22:39.805-07:00डर लगता है इंसान से<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
खौफ़ नही भगवान से।<br />
डर लगता है इंसान से।1//<br />
<br />
रिश्ते बेदाग़ नही मिलते,<br />
सजग रहो मेहमान से।2//<br />
<br />
स्वर्ग नरक के फेरे में,<br />
धर्म बटे गीता कुरान से।3//<br />
<br />
मजहबी क्यों आग उगले,<br />
क्या यही सीखते संस्थान से।4//<br />
<br />
लहू एक है, वतन एक है,<br />
तो काहे परेशानी राष्टगान से।5//<br />
<br />
बोलो,कहीं छत मिलेगा क्या,<br />
गर कूच करोगे विमान से।6//<br />
<br />
सहूर सीखो,जिंदा हो जा लाशों,<br />
नही तो गुजरोगे शमशान से।7//<br />
<br />
बे सिर पैर की बात न कर,<br />
दे ना दुहाई संविधान से।8//<br />
<br />
अमन चैन से जो रहो तुम,<br />
दूजा न मुल्क़ अच्छा हिंदुस्तान से।9//<br />
©सुनील कुमार सोनू<br />
13।04।2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-88466182468965264692020-04-04T07:22:00.002-07:002020-04-04T07:23:18.864-07:00मैं वृक्ष हूँ।<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
मैं वृक्ष हूँ,<br />
तेरे पुरखों का धरोहर<br />
सात पीढ़ियो का साक्ष्य<br />
मुझे मार रहे हो।<br />
या खुद को उजाड़ रहे हो।<br />
मैं नही तो तू<br />
कहाँ रह पायेगा।<br />
आती जाती सांसे<br />
कहाँ भर पायेगा।<br />
मुझे थोड़ा सहेज ले<br />
नही तो बेमौत मरेगा तू।<br />
दाह संस्कार को न मिलेगी लकड़ी,<br />
फिर कैसे जरेगा तू।<br />
सुनील कुमार सोनू<br />
04।04।2020<a href="http://jindagi%2Clove%2Clife/">jindagi,love,life</a></div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-7024068305083693572020-04-01T08:52:00.000-07:002020-04-01T08:52:08.093-07:0021वीं सदी है हुनर देखिए<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
न तज़ुर्बा न उमर देखिए।<br />
21वी सदी है हुनर देखिए।<br />
<br />
कैसा होगा ठाठ बाट उसका,<br />
सुनसान ये खंडहर देखिए।<br />
<br />
कितनी दिलकश होगी वो,<br />
ये लहराती हुई चुनर देखिए।<br />
<br />
कभी था लबालब पानी से भरा,<br />
गांव का कुंआ नहर देखिए।<br />
<br />
सांप बिच्छू से भी जहरीला है,<br />
मुँह से उगलता जहर देखिए।<br />
<br />
ग़द्दारी नही करता है वो आजकल,<br />
सीधे भोंकता सीने में खंजर देखिए।<br />
<a href="http://hunar%2Clove%2C%20tajurba/">hunar,love, tajurba</a><br />
:सुनील कुमार सोनू<br />
:01/04/2020</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-21241106338767036062020-03-20T21:48:00.002-07:002020-03-28T05:26:40.868-07:00मां की दुआ का असर भी होगा<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
रात हुई है तो सहर भी होगा।<br />
मां की दुआ का असर भी होगा।<br />
<br />
ऋतुओं का क्या, बदलते रहना,<br />
फिर से हरा भरा मंजर भी होगा।<br />
<br />
पिटवा लोहे सा हौंसला रख,<br />
चट्टान ये कंकड़ पत्थर भी होगा।<br />
<br />
जो कुल चराग़ों के बुझाएं है,<br />
श्रापित घर उसका खंडहर भी होगा।<br />
<br />
दोस्ती कर ये दोस्त ,ज़रा सम्भल के,<br />
मुख में राम बगल में खंजर भी होगा।<br />
<br />
सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहो 'सोनू'<br />
राहों में जादू-टोना जंतर मंतर भी होगा।<br />
:सुनील कुमार सोनू<br />
:20|03|2020<br />
:समय-7:50-8:20AM, बस में ऑफिस जाते वक्त </div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6841544181271425163.post-19313334074211471122020-03-20T21:42:00.001-07:002020-03-28T05:16:44.436-07:00ये नारी कौन है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8qzcB0c4Ux44ysVHaO8cbyOBKiklMtF8No-cjkH2VWReR21uJgNmaG8xhkbE9IvubVY3fmeDNgbkJZ6ugiHI6jsC_BhGHfT_xVJ85YahAaVMTYTCIrtKnMYPVNaVvz55120IYCEcpzDz-/s1600/IMG-20200320-WA0074.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="1280" data-original-width="781" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8qzcB0c4Ux44ysVHaO8cbyOBKiklMtF8No-cjkH2VWReR21uJgNmaG8xhkbE9IvubVY3fmeDNgbkJZ6ugiHI6jsC_BhGHfT_xVJ85YahAaVMTYTCIrtKnMYPVNaVvz55120IYCEcpzDz-/s200/IMG-20200320-WA0074.jpg" width="121" /></a></div>
रति रूप धरा पे<br />
ये नारी कौन है।<br />
कामिनी स्वरूप धरा पे<br />
ये नारी कौन है।<br />
<br />
आईना बोल उठे<br />
स्वर्ग सुन्दरी से<br />
प्रेम मंजरी से<br />
कहाँ तेरा घर है।<br />
कौन तेरा वर है।<br />
<br />
पिया को मन भाए<br />
तूने ऐसा श्रृंगार किया।<br />
गहनें जेबर चूड़ी कंगन से<br />
रूप तूने निखार लिया।<br />
<br />
किसी हंस की हँसिनी हो।<br />
या नव दुर्गा की वंशिनी हो।<br />
तुम हो मात्र प्रतिबिम्ब,<br />
या विष्णुप्रिया मोहिनी हो।<br />
<br />
भूल बैठा खुद को,<br />
उलझ गया मैं तुझमे।<br />
नही पता है रूपसी,<br />
तू मुझमे या मैं तुझमें।<br />
बुद्धि मेरी बौन है।<br />
तू ही बता दे सखी,<br />
ये नारी कौन है।<br />
<br />
रति रूप धरा पे<br />
ये नारी कौन है।<br />
कामिनी स्वरूप धरा पे<br />
ये नारी कौन है।<br />
<br />
:सुनील कुमार सोनू<br />
:21।03।2020<br />
:समय:7:35-8:16AM,<br />
:स्थान: शालीमार पार्क,अलवर</div>
SUNIL KUMAR SONUhttp://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.com0