Tuesday, February 17, 2009

कारे कारे कजरा

geet-3
कारे-कारे कजरा
कारे-कारे कजरा
कारे तोहर केश.......
ऐ गोरी...........
काहाँ.तोहर देश.....
ऐ धानी........
.काहाँ.तोहर देश...
मथवा पे चम्-चम् चमके टिकुलिया
होठ्वा पे दम-दम दमके लिलरिया
.................. गोरे-गोरे तोहर फेश
ऐ गोरी....काहाँ.तोहर देश
ऐ धानी...काहाँ.तोहर देश
ताजमहल तेरे आगे फीका लगे
किसी देवी का तू टीका लगे
..........श्रृंगार तोहर विशेष
ऐ गोरी....काहाँ.तोहर देश
ऐ धानी...काहाँ.तोहर देश
चेहरे पे तेरी फूलों की ताजगी
दिल में भी बला की सादगी
मनवा में नाही क्लेश
ऐ गोरी....काहाँ.तोहर देश
ऐ धानी...काहाँ.तोहर देश
तेरे रंग-रूप में प्रीत की मिठास है
तेरे छाँव-धूप में गीत की प्यास है
अपने पराये... अपने पराये .....
न पहुचाये तू .... किसी को ठेस ..
ऐ गोरी....काहाँ.तोहर देश
ऐ धानी...काहाँ.तोहर देश
किसी प्रेमी का तू जोगिनी है क्या
या किसी लोक की तू मोहिनी है क्या
पल में काहे बदले तू भेष...
ऐ गोरी....काहाँ.तोहर देश
ऐ धानी...काहाँ.तोहर देश



1 comment:

aapka bahut-bahut dhanybad