Wednesday, February 23, 2011

क्या निराश हुआ जाये ?

टूट चुकी है सपनो का घरौंदा
लुट चुकी है अपनों की दुनिया
नदी सी बीच प्रवाह में
अनजानी सी राह में
भटक रहा हूँ मैं
जहाँ अँधेरा ही अँधेरा है
है आँखों में आंसू के सैलाब
दिल में जख्मो का डेरा है
शेष क्या रहा अब जीवन में
फ़िर भी धरकने कहती
क्या निराश हुआ जाय ?

अब प्रकृति के नियम पे
मेरी गर गई दृष्टी
'एक' है जो विनाश करता
एक ही करता है नव श्रृष्टि.
सूरज आज अंधेरे से निकल के
कल नव प्रभात ले आयेगी
जनता मैं भी विधि के विधान को
इस लोक के हैवान को,उस लोक के भगवान को
"समय सरे जख्मो को भर देती है"
असमंजस्य में हूँ तुम्ही बता दो
क्या इसपे विश्वास किया जाय ?

जिंदगी के रंग हज़ार,
कभी पतझर कभी बहार
कभी भर देती है असीम खुशिया
कभी कर देती है दिल को तार-तार
भरती है कोयल जीवन में राग
अच्छी लगाती है प्यार-अनुराग
सब किताबी बातें है,मेल नही जीवन में इसका
जब दिखे चरों तरफ़ आग ही आग
बदलेगी कुछ मंजर
रखती है कुदरत सबपे नजर
क्रूर मजाक तो कर लिया
उसने मुझे दुःख ही दुःख दिया
मैं तो अर्धमूर्छित हूँ
बहुत ही व्यथित हूँ
अन्तःकरण से एक सवाल उठे
"कुछ अच्छा होने की "
क्या आश किया जाय?

Tuesday, January 25, 2011

सिम्प्लेक्स-- एक झलक

सिम्प्लेक्स सौम्यता का प्रतीक है।
सिम्प्लेक्स सभ्यता का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स मधुरता का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स एकता का प्रतीक है ।

सिम्प्लेक्स मित्रता का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स बंधुता का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स पवित्रता का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स चरित्रता का प्रतीक है ।

सिम्प्लेक्स जन-उत्थान का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स जन-कल्याण का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स अभिमान का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स सम्मान का प्रतीक है ।

सिम्प्लेक्स विश्वाश का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स उल्लाष का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स आशा का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स अभिलाषा का प्रतीक है ।

सिम्प्लेक्स जोश-उमंग-उन्माद का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स मजबूत फौलाद का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स गति-रथ का प्रतीक है ।
सिम्प्लेक्स प्रगति-पथ का प्रतीक है ।




रेपुब्लीक डे

मै एम आर मेनन सिम्प्लेक्स परिवार की ओर से ६९ गणतंत्र दिवस की शुभ अवसर पे आप सभी का

स्वागत करता हूँ और साथ ही आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूँ

आज का दिन बड़े हर्ष-उल्लास का दिन है .आज के ही दिन हमारे महापुरुषों ने खुली हवाओं में सांस लेने का अधिकार दिलवाया .ये दिन हमें देश के प्रति त्याग एवम बलिदान की परिभाषा समझाती है । इस दिन देश के प्रति हमें अपनी-अपनी जिम्मेदारियों एवम कर्तव्यों को याद दिलाती है


आज के इस पावन अवसर पे हमारे सिम्प्लेक्स समूह की ओर से कुछ विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इस कार्क्रम के मुख्य अतिथि वैशाली नगर के विधान सभा के विधायक माननीय श्री भजन सिंह निरंकारी जी

है.हम माननीय अतिथि महोदय का हार्दिक स्वागत करते है

मै श्री -------- से अनुरोध करता हूँ की वे फूलों की गुलदस्ता से मुख्य अतिथि महोदय का स्वागत करें

धन्यवाद ।।।


जैसा की आप सभी जानते है की हमारे मुख्य अतिथि श्री निरंकारी जी किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है उनके द्वारा किये गये अनेक सामाजिक कार्य ही उनका असाधारण परिचय हैये श्री मान महोदय जी की शख्शियत है की उन्हें वैशाली नगर विधान सभा के साथ-साथ समस्त दुर्ग जिले में लोकप्रिय है.ऐसे लोकप्रिय एवम कर्मठ नेता का हम दिल से आभार प्रकट करते है


माननीय निरंकारी जी शुरू से ही कांग्रेस पार्टी के उम्दा और जोशीले नेता होने का परिचय देते रहे तथा अपनी पार्टी के विभिन्न पदों पर रह के जिम्मेदारी का निर्वाह किये हैउनकी प्रशाशनिक योग्यता को देखते हुए उन्हें साडा ke अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौपीं गयी जिसका उन्होंने बखूबी से निरवाह करते हुए भिलाई में बहुत विकासपूर्ण कार्य किये है


माननीय निरंकारी जी हमेशा सिम्प्लेक्स समूह के शुभ-चिन्तक रहें है तथा कामगारों की उन्नति के लिए सदैव तत्पर रहे है और कई तरह के विकास योजनायें लागू कियें है

हम अपने - aapko saubhagyshali