Saturday, September 21, 2019

Austemper Ductile Iron:ADI

ADI is a young material. Which can replace to steel forged alloys. Which can displace to Aluminum & Magnesium Alloys. Because of high strength to weight ratio. Because of potential cost savings ratio. Because of high fatigue strength and toughness. Because of high damping performance. Because of intermediate quality of steel & ductile iron. Because of substitute property of wear and crack propagation. Because of noise problem solution. Because of low energy consumption. ADI is a young material. It's 10% lighter than steel. It's cheaper than forged steel. It can withstand workload at -48degree Celcious.(-120F) It can understand the designer's rejoice. ADI is a young material. It is used in cam and crack shaft. It is used in gear and drive shaft. It is used in rail brake shoes and wheels. It is used in knuckle, excavator & trolley wheels.ADI is a young materialIt is new hope of ductile iron #castings
ADI is a young material.
It is new zeal of Alternate #sourcing. It is solution of #automotive material. It is resolution of locomotive material.
Written date:21.09.19

Monday, September 9, 2019

एक दिन उड़ी जइहैं सुगना पिंजड़वा छोरी के।

एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
धन दौलत और कोठा अटारी,
रिश्ते नाते और कुटुम्ब परिवारी,
छोड़ी जइहैं माया के बन्धनमा तोड़ी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना पिंजरवा छोड़ी के।
एक पल में देखो साँसे निकले,
दूजे पल में देखो लांशे निकले,
अगिया में जार दिहिं बदनमा मरोड़ी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
मुट्ठी बांध के आये हाथ पसारे चले गए,
अंतिम दर्शन को अँखियाँ तरसे राह निहारे चले गए,
चली गईले दुलरुआ जेकरा रखनी अगोरी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
हँसा उड़ी गईले अकासवा,
धागा नाही हमरे पसवा,
जाने कौन जनमवा मिलिहैं बदनमा गोरी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
गीतकार:सुनील कुमार सोनू
तिथि:08.09.19

Friday, September 6, 2019

काल घड़ी जब आई रे भाई।

सोना सरीखी देहिया माटी में मिल जाई रे भाई;
काल घड़ी जब आयी।
काल घड़ी जब आयी रे भाई
काल घड़ी जब आयी।
माटी के चीज माटी में मिल जाई रे भाई,
काल घड़ी जब आयी।

राजा रंक फ़कीरा रोवे
नानक तुलसी कबीरा रोवे
ठगनी माया के हाथ संसार ठगाई रे भाई,
काल घड़ी जब आयी।

जार जोरू जमीन में उलझी
धरम करम के बात न सुलझी
एक और जिन्गी व्यर्थ गवाई रे भाई,
काल घड़ी जब आयी।

नाही केहू गुरु नाही केहू चेला रे साधु,
भीड़ भरल दुनिया मे हंस उड़े अकेला रे साधु,
अंखिया के कोरवा में गंगा बही जाई रे भाई;
काल घड़ी जब आयी।

रोई रोई भजनिया लिखे
हंसी हंसी गावे हो रामा,
सोनू औऱ गोलुआ के
बतिया न समझ पावे हो रामा,
विधि के विधान मिटे न मिटाई रे भाई;
काल घड़ी जब आयी।

सोना सरीखी देहिया माटी में मिल जाई रे भाई;
काल घड़ी जब आयी।
काल घड़ी जब आयी रे भाई
काल घड़ी जब आयी।
लेखनी:सुनील कुमार सोनू
तिथी:05.09.2019