Monday, September 9, 2019

एक दिन उड़ी जइहैं सुगना पिंजड़वा छोरी के।

एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
धन दौलत और कोठा अटारी,
रिश्ते नाते और कुटुम्ब परिवारी,
छोड़ी जइहैं माया के बन्धनमा तोड़ी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना पिंजरवा छोड़ी के।
एक पल में देखो साँसे निकले,
दूजे पल में देखो लांशे निकले,
अगिया में जार दिहिं बदनमा मरोड़ी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
मुट्ठी बांध के आये हाथ पसारे चले गए,
अंतिम दर्शन को अँखियाँ तरसे राह निहारे चले गए,
चली गईले दुलरुआ जेकरा रखनी अगोरी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
हँसा उड़ी गईले अकासवा,
धागा नाही हमरे पसवा,
जाने कौन जनमवा मिलिहैं बदनमा गोरी के।
एक दिन उड़ी जइहैं सुगना
पिंजड़वा छोरी के।
पिंजड़वा छोरी के हो पिंजड़वा छोरी के।
एक दिन ........
गीतकार:सुनील कुमार सोनू
तिथि:08.09.19

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