Wednesday, July 22, 2009

तेरे नाम


जब दिल से दिल मिले तो

बदन से बदन का मिलना क्या.

hai अभी रंगीन जवान सपने

अब फूलों का बागों में खिलना क्या.

Monday, July 13, 2009

और वो जगी नही जिसके लिए जगे रात भर

किसी की याद में हम जगे रात भर
और वो जगी नही जिसके लिए जगे रात भर
दिल की बेचैनी भला कहते किससे
चैन
से वो सोयी रही रात भर
यादों को यूँ जाने देता कैसे हम
इसलिए गीत लिखते रहे रात भर
मेरी नींद चुरा के वो चैन कैसे पाई
चोरों को क्या चैन मिलता है रात भर
कसक जो जागी तन्हा रातों में
आराम
तभी मिले जब होंगी बातें रात भर
तेरे कितने रूप देखें बताना मुश्किल है
आंखों
में हजारों मंजर दिखा रात भर
तड़प
किसी की कोई समझेगा क्या
जानेगा
वही जो तडपे कभी रात भर
किसी की याद में हम जगे रात भर
और वो जगी नही जिसके लिए जगे रात भर

Tuesday, July 7, 2009

तेरी याद में


जिंदगी से हम बिल्कुल नाराज हो गये है
बेहद तनहा अकेला हम आज हो गये है
दिल तोडा है किसी ने इस कदर की,
हमारी खामोशी ही हमारे आवाज हो गये है.