Wednesday, July 22, 2009

तेरे नाम


जब दिल से दिल मिले तो

बदन से बदन का मिलना क्या.

hai अभी रंगीन जवान सपने

अब फूलों का बागों में खिलना क्या.

5 comments:

  1. बहुत ही उम्दा ख़्यालात

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  2. वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब!

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  3. क्या बात है ! जनाब!

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  4. आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
    रचना गौड़ ‘भारती’

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aapka bahut-bahut dhanybad