Thursday, August 29, 2019

हाँ, मैं कलम हूँ।

मैं औरों की तरह नही मित्रा
सजा-संवरा कोई वास्तु नहीं
मुझे गहे बिना आजतक
हुआ कोई अरस्तु नहिं
परिचय क्या दूं अपना
हूँ मै केवल हकीकत 
बाकी सारे दिवा-सपना
बेजान हूं पर जन लिए हूं 
मृत हूँ पर मुस्कान लिए हूं 
मै ही सत्यम -शिवम्- सुन्दरम हूं 
आहा ! ठीक कहा आपने,मैं तो कलम हूँ 
हाँ,मैं कलम हूँ जिसमें
सुभाष की दृढ़ता है,
भगत की निडरता है
शेखर की स्वतंतत्रा है,
गाँधी की सहिष्णुता है
हाँ, मैं ही कलम हूँ जो
राणा या झाँसी की तलवार है,
कुंवर या तिलक की ललकार है
अभिमन्यु या खुदीराम की वार है,
हिमालय या शिवाजी सी पहरेदार है
हाँ, मैं कलम ही हूँ जिसने 
तुलसी,कबीरा नानक को अमर किया
भाव- वेदना-संवेदना को सुंदर किया
हाँ, मैं कलम ही हूँ जिसने
एकता-विद्वता-मित्रता का पाठ पढ़ाया
प्रेम-त्याग-संकल्प का जाप कराया
हाँ,मैं कलम हूँ जो 
चंदन में आग खोज लेता है
बिरानों में अनुराग खोज लेता हे
हाँ,मैं कलम हूँ जो
बिना मौसम के
गर्मी पैदा करवा दूँ
कहो तो अभी आंखों से
हजारों झरने बहवा दूँ
हाँ,मैं कलम हूँ जो
श्रृष्टि के पहले भी था 
और बाद तक रहेगा
अंत में बस यही कहूँगा
देवी-देवता,नर-नारी
पशु-पक्षी या प्राणी संसारी
सारे के सारे विनाशी हैं
एक अकेला कलम है
जो चिर-अविनाशी है

http://kavimanch.blogspot.com/2008/11/blog-post_437.html?m=1

Tuesday, August 27, 2019

अब जरूरी है।

आतंकी सिरफिरे का सिर काटना अब जरूरी है।
इसके बंद मुठ्ठी को अंगुलियों में बाँटना अब जरूरी है।।

ना हम मौनधारी है,
ना हम मूकदर्शक है।
ना हाँथो में हथकड़ी है,
ना पैरों में बेड़ी है।
आजाद भारत की आजादी बताना अब जरूरी है।
एक के बदले दस हमले करवाना अब जरूरी है।।

पाँव घुसे तो पाँव काट लेना ही उचित है।
आँखे तरेरे तो आँख निकाल लेना ही उचित है।
न्याय मिलता नही खाली कोरी समझौतों से।
कीमत चुकाने पड़ते हैं बम बारूद तोंपो से।
शांति की लहरें बहती नही तब तक।
क्रांति की मिसालें जलती नही जब तक।
चौकन्ना होके खिड़की दरवाजे दीवारों से झांकना अब जरूरी है।
कितने परमाणु बनाये पड़ोसी ने आँकना अब जरूरी है। ।

जय हिन्द ही मेरा धर्म है ,
वंदे मातरम ही मेरा कर्म है,
जन गण मन ही नारा है।
जो इसको नकारे,
वो मेरा दुश्मन,राष्ट्र का दुश्मन,
 हमने उसको ललकारा है।
राष्ट्र विरोधी बात न करना,
चाहे नेता हो या अभिनेता हो।
गिन गिन के,चुन चुन के मारेंगे,
 चाहे मुफ़लिसी हो या विजेता हो।
शंखनाद की भीष्ण हुंकार सुनाना अब जरूरी है।
दुनिया को अपना ताकत दिखाना अब जरूरी है।।

तरकश में तीर बहुत है।
अंतस में पीड़ बहुत है।
दाल रोटी की लालच नही,
अपने घर मे खीर बहुत है।
परिचय देने को मोहताज नही भारत,
अपने हिस्से में कश्मीर बहुत है।
गुनाह किये तो सजा भी मिलेगी जालिमों,
अपने जेलों में जंजीर बहुत है।
वतन पे मर-मिटने वालों की कमी नही,
अपने दिल मे शहिदों की तस्वीर बहुत है।
बहुत है बहुतेरों जैसी इसे गुनगुनाना अब जरूरी है।
खंडित भारत को अखंड भारत बनाना अब जरूरी है।।
।जय हिंद जय भारत ।
लेखन तिथि:27.08.19

Monday, August 12, 2019

अगर तू कहे।

दर्द ए दिल की सदा सुना दूँ, अगर तू कहे।
दिल चिर के दिखा दूँ x२,अगर तू कहे।
कितने सपने संजोये थे प्यार में
कितने अपने पराये थे प्यार में
एक एक लड़ी रूठे कैसे
एक एक कड़ी टूटे कैसे
पढ़ ले तू डायरी मेरा
फिर इसे जला दूँ, अगर तू कहे।

भीगी भीगी बारिश की बूंदों में
साँसों का जलना क्या था
टूक टूक करते दो जोड़ी आँखों मे
अरमानों का मचलना क्या था
अहसास की ये कमाई दौलत
मैं यूँ ही लूटा दूँ, अगर तू कहे
सुनील कुमार सोनू
12।08।2019

Sunday, August 11, 2019

She is behind me.

Whenever it rains
Whenever it shines
Whenever it colds
She is behind me.

Whenever it darkens
Whenever it lightens
Whenever it brightens
She is behind me.

From sorrorow to happy moments
From ugli to beauty moments.
From horrible to sweety moments
She is behind me.

 In the like & dislike condition.
In the hounor & dishounor condition.
In the smile & tears situation.
She is behind me.

Let me tell you,
Who is she
She is none other
But she is my wife.
My wife ,my life.
11.08.2019




She is behind me.
Whenever it rains
Whenever it shines
Whenever it colds
She is behind me.
Whenever it darkens
Whenever it lightens
Whenever it brightens
She is behind me.
From sorrorow to happy moments
From ugli to beauty moments.
From horrible to sweety moments
She is behind me.
 In the like & dislike condition.
In the hounor & dishounor condition.
In the smile & tears situation.
She is behind me.
Let me tell you,
Who is she
She is none other
But she is my wife.
My wife ,my life.
11.08.2019