दिन महीने साल गुजर गए
बचपन के ढेरों सवाल गुजर गए
कल तक जो यक्ष प्रश्न था जीवन में
प्रश्न वही फ़िलहाल गुजर गए
रास न आये अब दशहरा दिवाली
खुशी के रंग गुलाल गुजर गए
खुशबुओं को खोजूं कहाँ बिराने दिल में
फूलों से सजी डाल गुजर गए
रोक लूँ उन्हें कैसे जाने से
दिल के सारे मलाल गुजर गए
आखिरी पड़ाव में भला कोई क्या करे
जिंदगी के अच्छे-बुरे काल गुजर गये
Friday, January 23, 2009
Wednesday, January 21, 2009
खुश रहे तू सदा हर lamha
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा हर लम्हा
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तूने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तूने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तूने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तूने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तूने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तूने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा हर लम्हा
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
तुने जो किया कोई और न कर सकेगा
बाँहों में मुझे कोई और न भर सकेगा
अपनों से बढ़कर मुझे प्यार किया
पतझर सी जिंदगी को जैसे बहार दिया
हर कदम,हर मोड़ पे,निभाई बफा...हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
आज मै जो कुछ हूँ,हूँ तेरे वास्ते
तुने ही तो मंजिल के दिखाए रास्ते
मुश्किलों से तुमने लड़ना सिखाया
कन्यो के पथ पे तुने चलना सिखाया
चुका न सकूँगा तेरे एहसानों का कर्ज
मगर कहूँगा शुक्रिया...,हर लम्हा.
मै तो दूंगा दुआ,हर लम्हा.
खुश रहे तू सदा,हर लम्हा.
महब्बत की दास्तान यारों....
क्या सुनाऊं मोहब्बत की दास्तान यारों.
मिट चुकी है चाहत में अरमान यारों.
राख के सिवा और कुछ न मिला
लुटा चुका हूँ इसमे अपना घर-मकान यारों.
न कोई फ़रिश्ता आया मुझे बचाने को
दुश्मनों ने कर दी लहू-लुहान यारों.
क्या अपने क्या पराये इस जहाँ के
छीना सबने चहरे की मुस्कान यारों.
कहाँ जाऊं क्या करूं जरा कोई बताये
महफ़िल भी लगे सुनसान यारों.
मिट चुकी है चाहत में अरमान यारों.
राख के सिवा और कुछ न मिला
लुटा चुका हूँ इसमे अपना घर-मकान यारों.
न कोई फ़रिश्ता आया मुझे बचाने को
दुश्मनों ने कर दी लहू-लुहान यारों.
क्या अपने क्या पराये इस जहाँ के
छीना सबने चहरे की मुस्कान यारों.
कहाँ जाऊं क्या करूं जरा कोई बताये
महफ़िल भी लगे सुनसान यारों.
तुने छीनी मेरी मुस्कान
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
विश्वास का घरौंदा टूट गया
ये दिल अब ख़ुद से रूठ गया
जाने क्या होगा आगे
पतंग से डोरी छूट गया
पास आओ तुम्हे दिखाऊं
हो गया जिगर लहू लुहान
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
कौन सी खुशी जो मै दे न सका
कौन सा गम जो तेरा हर न सका
जानना तो जरुर चाहूँगा आख़िर
क्यों तुने मुझे अंक भर न सका
जीने नही देती तेरी यादें तेरी वादें
अधर में अटकी है प्राण
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
खैर छोरो जो हुआ सो हुआ,अब
स्वीकार करो दिल दे रहा दुआ
दामन तेरे खिले फूलों सा
जीवन तेरे चहके बुलबुलों सा
आखिरी मेरा भेंट
आखिरी मेरा शब्द
तेरा भला करे भगवान
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
विश्वास का घरौंदा टूट गया
ये दिल अब ख़ुद से रूठ गया
जाने क्या होगा आगे
पतंग से डोरी छूट गया
पास आओ तुम्हे दिखाऊं
हो गया जिगर लहू लुहान
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
कौन सी खुशी जो मै दे न सका
कौन सा गम जो तेरा हर न सका
जानना तो जरुर चाहूँगा आख़िर
क्यों तुने मुझे अंक भर न सका
जीने नही देती तेरी यादें तेरी वादें
अधर में अटकी है प्राण
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
खैर छोरो जो हुआ सो हुआ,अब
स्वीकार करो दिल दे रहा दुआ
दामन तेरे खिले फूलों सा
जीवन तेरे चहके बुलबुलों सा
आखिरी मेरा भेंट
आखिरी मेरा शब्द
तेरा भला करे भगवान
क्या खूब किया एहसान
तुने छीनी मेरी मुस्कान
मुझे शराबी कहके न करो बदनाम यारों........
मुझे शराबी कहके.......................... न करो बदनाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
कुछ दर्द थे दिल में,कुछ मजबूरियां थी राहों में
कुछ रूकावट थे मंजिल में,कुछ दूरियां थी निगाहों में
ये सब के होते पाया न पल भर आराम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
नाम किस-किस का लूँ जिसने मुझे पिलाया
थे कुछ अपने ही आदमी,कुछ थे आदमी पराया
कोई बताये सहर किधर है,मुझे हर तरफ़ सूझे शाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
उसको मई नित्य दिन पूजा करूँगा
जो मेरे हाथों से बोतल तुड़वा दे
खुदा से भी बढ़के मानूंगा उसको
जो इन बुरी आदतों से मुक्ति दिला दे
बर्बाद हो गया शहर में आके,याद आ रहा मुझे अपना गाँव यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
मुझे शराबी कहके.......................... न करो बदनाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
कुछ दर्द थे दिल में,कुछ मजबूरियां थी राहों में
कुछ रूकावट थे मंजिल में,कुछ दूरियां थी निगाहों में
ये सब के होते पाया न पल भर आराम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
नाम किस-किस का लूँ जिसने मुझे पिलाया
थे कुछ अपने ही आदमी,कुछ थे आदमी पराया
कोई बताये सहर किधर है,मुझे हर तरफ़ सूझे शाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
उसको मई नित्य दिन पूजा करूँगा
जो मेरे हाथों से बोतल तुड़वा दे
खुदा से भी बढ़के मानूंगा उसको
जो इन बुरी आदतों से मुक्ति दिला दे
बर्बाद हो गया शहर में आके,याद आ रहा मुझे अपना गाँव यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
मुझे शराबी कहके.......................... न करो बदनाम यारों
ख़ुद पीने की कोशिश न की,थमाया गया हाथों में जाम यारों
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