होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
एक ओर खेले सियाजी की सहेली!
दूजा ओर खेले रामजी की टोली!
फिर खेले पारा-पारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
लक्ष्मण देवरबा उधम मचावै
उधम मचावै हो, उधम मचावै
गोरे गोरे गाल पे रंग लगावै
रंग लगावै हो,रंग लगावै
सिया बाँह छुड़ावै लाज के मारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
देखी छेड़खानी श्रीराम जी मुस्काये
श्रीराम जी मुस्काये हो,श्रीरामजी मुस्काये।
सिया लक्ष्मण को अंग लगाये
श्रीरामजी अंग लगाये हो ,श्रीरामजी अंग लगाये।
भरत शत्रुघ्न कहे अब मेरी बारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
गीतकार:सुनील कुमार 'सोनू'
तारीख:12/01/2020
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
एक ओर खेले सियाजी की सहेली!
दूजा ओर खेले रामजी की टोली!
फिर खेले पारा-पारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
लक्ष्मण देवरबा उधम मचावै
उधम मचावै हो, उधम मचावै
गोरे गोरे गाल पे रंग लगावै
रंग लगावै हो,रंग लगावै
सिया बाँह छुड़ावै लाज के मारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
देखी छेड़खानी श्रीराम जी मुस्काये
श्रीराम जी मुस्काये हो,श्रीरामजी मुस्काये।
सिया लक्ष्मण को अंग लगाये
श्रीरामजी अंग लगाये हो ,श्रीरामजी अंग लगाये।
भरत शत्रुघ्न कहे अब मेरी बारी हो,मेरो अवध बिहारी।
होली खेले मेरो अवध बिहारी,
संग सिया सुकुमारी हो, मेरो अवध बिहारी।
गीतकार:सुनील कुमार 'सोनू'
तारीख:12/01/2020