Saturday, February 1, 2020

कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।

इस्कूल के पिरितिया हउवे, ऐसे नै भुलाईहा।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
बचपन के साथी हैं, संघे संघे खेले हैं।
प्यार कच्ची उमरिया के,ऐसे नै बिसरैहिया।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
चोरी चोरी नैना मिलल,चोरी चोरी होंठ हो
अंगूरी के पहिला छुअन ,सीना में बसैहिया।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
वो भी एक जमाना था,मिलने का सौ बहाना था।
फिर मिलूं किसी बहाने से तो,आँख नै चुराइहा।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
तू तो किरिया खइला, जहिहा गले लगैईला।
दो फाक दिल के तू ,कबो नै करिहा।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
इस्कूल के पिरितिया हउवे, ऐसे नै भुलाईहा।
कबो याद करिहा जान,कबो याद अइहा।
गीतकार:सुनील कुमार सोनू
तारीख:24/11/19
समय:रात 22:00-23:40

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aapka bahut-bahut dhanybad