Tuesday, February 17, 2009

जब तुम मुस्कुराती हो.

खिल उठता जीवन मधुवन
जब तुम मुस्कुराती हो !
झूम उठता धरती गगन
जब तुम प्रणय गीत गाती हो!
निहित तुझमे कोयल की मधुर आवाज
निहित तुझमे मोरनी की हसीं अंदाज
बाग-बाग हो जाता तन-मन
जब तुम पायल झनकाती हो !
खिल उठता जीवन मधुवन
जब तुम मुस्कुराती हो !
नील गगन के चाँद सितारे
सबको लगे बहुत प्यारे-प्यारे
पर उससे भी ज्यादा प्यारी लगती
जब तुम कजरारे पलकें उठती हो!
खिल उठता जीवन मधुवन
जब तुम मुस्कुराती हो !
माना सागर की लहरें
भरे जीवन में उमंग.
माना बसंती की पवन
भरे दिल में प्रेम अगन.
मगर तुम इतनी मतवाली
इतनी सुंदर इतनी निराली
की तुझे देखते ही
लौट आए मेरी खुशहाली.
हाय!जान निकल जाये
जब दिलकश अदा में शर्माती हो!
खिल उठता जीवन मधुवन
जब तुम मुस्कुराती हो !
sunil kumar sonu



No comments:

Post a Comment

aapka bahut-bahut dhanybad