रंग-बिरंगे गुलाल से
रंगे होंगे आपके गाल
rangin होली में।
अपनी माया की जाल से
बहका रहे होंगे सबके चाल
behtrin होली में
पकडो रे...दौडो रे
उस देवर को,इस ननद को
कर रहे होंगे सीना जोरी
hasin होली में
अजी छोडिये भी
हाय राम कहाँ कहाँ लगा दिए आप
गजब कर दिए देवर जी आप
आज जरा सी भी शर्म नही
आपकी बोली में..........
अरे रे...रे... ठहरिये तो
कहाँ भागे जा रहे है.
थोड़ा पीछे आईये तो
कहाँ आगे जा रहें है.
मुझे भी लुटने दीजिये मस्ती
basant और फागुन की
ह्रदय की झोली .....
फागुन है देवर जी
रंगों का त्यौहार.
आयी थोड़ा करीब लुटे
उमंगो की बहार
मिलके गुजरे कुछ पल
हँसी-ठिठोली में...
शर्मा गये अब क्यो देवर जी
आज साड़ी खता माफ़ है
बहको-बहको,चाहको-chahko
रंगीन होली me....
होली मुबारक़ हो, होली है!
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