Wednesday, March 4, 2009

दर्द है ..तो जीने में मजा है .

यार,दुआओं के बदले दुआ दे रहा हूँ।
खुद से निकाल के तुझे खुदा दे रहा हूँ.
रख संभाल के अपने लिए मित्र,
चुरा के तुझे बफा दे रहा हूँ .


दर्द है ..तो जीने में मजा है .
ऐसे तो जीवन एक सजा है
फूल कब तक साथ दे पाते है .
धूप लगते ही मुरझा जाते है .
मगर कांटें है की,
हर पल मुस्कुरातें है .
कांटे ही तो खुशी की कथा है .
दर्द है ...तो जीने में मजा है .
तपने से ही तो,सोना निखरता है
मरने से ही तो, जीना होता है
सच कहूँ तो यारों.....
सुख ही जीवन की व्यथा है
दर्द है ....तो जीने में मजा है
दर्द में ही तो ,अम्बर बरसात करता है.
इसी बहने वो धरती से मुलाकात करता है.
दुःख में ही तो,लहरें छूती है गगन को.
दुःख में ही तो,रफ्तारें मिलती है कलम को.
सचमुच,दुःख-दर्द ही जिंदगी का फलसफा है.
दर्द है .....तो जीने में मजा है.
ऐसे तो जीवन एक सजा है.


1 comment:

  1. भावनाओं को कविता बना दिया आपने! बहुत प्रशंसनीय!

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aapka bahut-bahut dhanybad