हम दर्द को सांसों में पिरोते है तेरी हरेक खुशी के लिए. हम रोते है तन्हाई में तेरी बेहतर ज़िन्दगी के लिए.
हम दर्द को सांसों में पिरोते है तेरी हरेक खुशी के लिए. हम रोते है तन्हाई में तेरी बेहतर ज़िन्दगी के लिए.
हमने दो घूंट शराब पिए तो तुमने मुझे शराबी कह दिया मगर उनका क्या जनाबेआली जिनके होठ मधुशाला और आँखें छलकता जाम है. अरे यार नशा तो हुस्न में है बोतल बेचारा बदनाम है.
नशा!
ReplyDeleteनशा शराब में नहीं
नशा बोतल में नहीं
नशा तो मेरे मन में है
यदि होती शराब में नशा
तो नाचती वो बोतल
यदि होती बोतल में नशा
तो नाचती वो बोतल
पर नशा तो मेरे उस मन में है
जिसने खुद को पागल बनाया
व बोतल व शराब से दोस्ती निभाया
नशा शराब में नहीं
नशा मेरे मन में है
नशा मेरे मन में है.
thanks mahesh ji
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है!
ReplyDeleteमुझे आपकी भेजी हुई फोटो बहुत पसन्द आया!