Saturday, April 25, 2020

मित्र तुझे भी याद है ना!

शीर्षक:मित्र तुझे भी याद हैं ना!
दिनांक13/04/2020
विधा:नवगीत
मापनी:16/16

बचपन के दिन वो सुहाना ।16
नदी नाले में वो नहाना।16
नीम आम की डाली पे,16
लुका-छिपी का खेल रचाना।16

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मित्र  तुझे भी याद  है ना।16।।
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अहरा के ऊंचे टीले पे,16
ओरहा बहुत  खाते थे।16
अड़ोसी पड़ोसी खेतों से,16
गन्ने भुट्टा बहुत चुराते थे।16
गांव से दूर चबूतरे पे ,16
सांझ को खूब गप्पे लड़ाना।16
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मित्र तुझे भी याद हैं ना!
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काँच की रंगीली गोलियां,16
माटी की शर्मीली चुकड़ियां,16
अंडी चुनना,बैर तोड़ना,16
डोभर मे उड़ाना तितलियां।16
गुल्ली डंडा लट्टू औ पतंग,16
खेल-खेल में मार मचाना।16
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मित्र तुझे भी याद हैं ना!
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पाठशाला के दिनों में तो,16
ढेरों  बहाने बनाते थे।16
 मृत दादी नानी दादा को,16
बहुधा  बार मार आते थे।16
ताड़ और घास के पत्ते से,16
आठ आने का पान खाना।16
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मित्र तुझे भी याद हैं ना!16
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समय बीते ,बीते सब काल ,16
उम्र ने दागे कई सवाल।16
रोजी रोटी के चक्कर मे,16
जीवन निर्झर  हुई बेहाल ।16
यूँ कश्ती भी भूल गई है,16
कागज वाली आज ठिकाना।16
©सुनील कुमार सोनू

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