दिल चुराकर चल दिये तुम दूर साहिब ये नहीं है इश्क का दस्तूर साहिब हिन्द युग्म पर मेरी गज़ल पर टिपण्णी हेतु आभार।
कविता या गज़ल में हेतु मेरे ब्लॉग पर ्सादर आमंत्रनण है आपको http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह http:/katha-kavita.blogspot.com/ दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा सस्नेह श्यामसखा‘श्याम
दिल चुराकर चल दिये तुम दूर साहिब
ReplyDeleteये नहीं है इश्क का दस्तूर साहिब
हिन्द युग्म पर मेरी गज़ल पर टिपण्णी हेतु आभार।
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श्यामसखा‘श्याम
thanks
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