Sunday, May 31, 2020

सावन भादो है सखी

बेरी बेरी आवेला धियानवा
कब अइहें मोर सजनवा
नयनवा सावन भादो हे।
सावन भादो हे सखी
सावन भादो हे।
उनका बिना कटे नही दिनमा
कब अइहें मोर सजनमा
नयनवा सावन भादो हे।

गऊंआ जवार में बियाहवा जब होवे।
नेहिया के मातल पलंगिया टिटोवे।
याद आवेला टूटल चूड़ी कंगनवा
कब अइहें मोर सजनवा
नयनमा सावन भादो हे।
सावन भादो है सखी
सावन भादो हे।

सरसों फुलाइल,महक गइले जूही।
अचरा के कोर से,सरक गइले दुही।
नहीं थमे उमड़ल यौवनवा (जोवनवा)
कब अइहें मोर सजनवा
नयनवा सावन भादो हे।
सावन भादो है साखी
सावन भादो हे।

कोयल पपीहरा के बोलियो न भावे।
रूप सिंगार के अठखेलियों न सुहावे।
सुना सुना लगे अंगनवा
कब अइहें मोर सजनवा
नयनवा सावन भादो हे।
सावन भादो हे सखी
सावन भादो हे।

संग नही छोटी ननदी, नही  छोटका देवरवा
केकरा से बात कही, केकरा पे झाड़ी तेवरवा
नही बाटे एको गो ललनवा
कब अइहें मोर सजनवा
नयनवा सावन भादो हे।
सावन भादो है सखी
सावन भादो हे।
:सुनील कुमार सोनू
06।05।2020
समय:रात्रि 8:30-9:05PM

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