Sunday, May 3, 2009


एक छोटी सी बात रख रहा हूँ=======
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आकाश खुला है लिए तेरे लिए
जमीं क़दमों
तले है तेरे लिए
चाहो तो हाथ उठा के आसमान छू लो
चाहो तो धरती की दूरियां माप लो

तुम आजाद हो मनचाहा करने को
बस जो भी करना

अपने और दूजे के हित में करना

की वक़्त और किस्मत तुझे पुकार रही है
इतिहास तुझे ललकार रही है

तेरे ही दम से ये दुनिया है

की तेरे लिए ही दुनिया है.

की अब तुम जाग जाओ

की अब तुम जाग जाओ.
बहुत-बहुत शुभ-आशीष प्यार स्नेह और
एक कप जोश-उम्मीद का तुम्हे मेरी तरफ़ से

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aapka bahut-bahut dhanybad