भूख इस तरह से खूब सताने लगे।
अब तो चीटी भी नमक खाने लगे।1//
कभी दूध घी में डूबा था पापी पेट,
अब तो छाछ पे भी आफत आने लगे।2//
वो घर जो विरासत में मिली मुझको,
सियासत अपना हुनर आजमाने लगे।3//
चिड़िया कब रुका है एक घोंसले में,
उसकी बेबफाई ने भरम फैलाने लगे।4//
दूरियाँ ठीक नही जब दिल राजी हो,
वो जिस्म में रूह तक समाने लगे।5//
कर्ज मोहब्बत का चुका न पाऊंगा,सोनू
उसकी यादें चक्रवृद्धि ब्याज लगाने लगे।6//
©सुनील कुमार सोनू
26।04।2020
अब तो चीटी भी नमक खाने लगे।1//
कभी दूध घी में डूबा था पापी पेट,
अब तो छाछ पे भी आफत आने लगे।2//
वो घर जो विरासत में मिली मुझको,
सियासत अपना हुनर आजमाने लगे।3//
चिड़िया कब रुका है एक घोंसले में,
उसकी बेबफाई ने भरम फैलाने लगे।4//
दूरियाँ ठीक नही जब दिल राजी हो,
वो जिस्म में रूह तक समाने लगे।5//
कर्ज मोहब्बत का चुका न पाऊंगा,सोनू
उसकी यादें चक्रवृद्धि ब्याज लगाने लगे।6//
©सुनील कुमार सोनू
26।04।2020
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aapka bahut-bahut dhanybad