मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
नाजुक नाजुक मेरी कलाई
मिश्री माखन मेरी मलाई
और पतरी पतरी मोरी कमरिया।
मोहे अंग लगा ले सावरिया।
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया।
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
फ़ागन सो मेरो अल्हड़ जवानी।
अरे का वर्षा जब खेत सुखानी।
कुछ तो समझ मेरे बलम रसिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
:सुनील कुमार सोनू
समय:12:00-12:30,होली के दिन।
स्थान:अपना घर शालीमार पार्क,अलवर
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
नाजुक नाजुक मेरी कलाई
मिश्री माखन मेरी मलाई
और पतरी पतरी मोरी कमरिया।
मोहे अंग लगा ले सावरिया।
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया।
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
फ़ागन सो मेरो अल्हड़ जवानी।
अरे का वर्षा जब खेत सुखानी।
कुछ तो समझ मेरे बलम रसिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
अंग लगा ले सांवरिया...
मोहे अंग लगा ले सावरिया
मेरो मन हो गयो बाबरिया।
मोहे अंग लगा ले सांवरिया।
:सुनील कुमार सोनू
समय:12:00-12:30,होली के दिन।
स्थान:अपना घर शालीमार पार्क,अलवर
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aapka bahut-bahut dhanybad