रति रूप धरा पे
ये नारी कौन है।
कामिनी स्वरूप धरा पे
ये नारी कौन है।
आईना बोल उठे
स्वर्ग सुन्दरी से
प्रेम मंजरी से
कहाँ तेरा घर है।
कौन तेरा वर है।
पिया को मन भाए
तूने ऐसा श्रृंगार किया।
गहनें जेबर चूड़ी कंगन से
रूप तूने निखार लिया।
किसी हंस की हँसिनी हो।
या नव दुर्गा की वंशिनी हो।
तुम हो मात्र प्रतिबिम्ब,
या विष्णुप्रिया मोहिनी हो।
भूल बैठा खुद को,
उलझ गया मैं तुझमे।
नही पता है रूपसी,
तू मुझमे या मैं तुझमें।
बुद्धि मेरी बौन है।
तू ही बता दे सखी,
ये नारी कौन है।
रति रूप धरा पे
ये नारी कौन है।
कामिनी स्वरूप धरा पे
ये नारी कौन है।
:सुनील कुमार सोनू
:21।03।2020
:समय:7:35-8:16AM,
:स्थान: शालीमार पार्क,अलवर
ये नारी कौन है।
कामिनी स्वरूप धरा पे
ये नारी कौन है।
आईना बोल उठे
स्वर्ग सुन्दरी से
प्रेम मंजरी से
कहाँ तेरा घर है।
कौन तेरा वर है।
पिया को मन भाए
तूने ऐसा श्रृंगार किया।
गहनें जेबर चूड़ी कंगन से
रूप तूने निखार लिया।
किसी हंस की हँसिनी हो।
या नव दुर्गा की वंशिनी हो।
तुम हो मात्र प्रतिबिम्ब,
या विष्णुप्रिया मोहिनी हो।
भूल बैठा खुद को,
उलझ गया मैं तुझमे।
नही पता है रूपसी,
तू मुझमे या मैं तुझमें।
बुद्धि मेरी बौन है।
तू ही बता दे सखी,
ये नारी कौन है।
रति रूप धरा पे
ये नारी कौन है।
कामिनी स्वरूप धरा पे
ये नारी कौन है।
:सुनील कुमार सोनू
:21।03।2020
:समय:7:35-8:16AM,
:स्थान: शालीमार पार्क,अलवर
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aapka bahut-bahut dhanybad