रात हुई है तो सहर भी होगा।
मां की दुआ का असर भी होगा।
ऋतुओं का क्या, बदलते रहना,
फिर से हरा भरा मंजर भी होगा।
पिटवा लोहे सा हौंसला रख,
चट्टान ये कंकड़ पत्थर भी होगा।
जो कुल चराग़ों के बुझाएं है,
श्रापित घर उसका खंडहर भी होगा।
दोस्ती कर ये दोस्त ,ज़रा सम्भल के,
मुख में राम बगल में खंजर भी होगा।
सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहो 'सोनू'
राहों में जादू-टोना जंतर मंतर भी होगा।
:सुनील कुमार सोनू
:20|03|2020
:समय-7:50-8:20AM, बस में ऑफिस जाते वक्त
मां की दुआ का असर भी होगा।
ऋतुओं का क्या, बदलते रहना,
फिर से हरा भरा मंजर भी होगा।
पिटवा लोहे सा हौंसला रख,
चट्टान ये कंकड़ पत्थर भी होगा।
जो कुल चराग़ों के बुझाएं है,
श्रापित घर उसका खंडहर भी होगा।
दोस्ती कर ये दोस्त ,ज़रा सम्भल के,
मुख में राम बगल में खंजर भी होगा।
सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहो 'सोनू'
राहों में जादू-टोना जंतर मंतर भी होगा।
:सुनील कुमार सोनू
:20|03|2020
:समय-7:50-8:20AM, बस में ऑफिस जाते वक्त
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aapka bahut-bahut dhanybad